नमस्कार दोस्तों, कैसे है आप सभी आशा करता हु अच्छे होंगे दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको पेट मे गैस बनने के कारण, लक्षण, इलाज की पूरी जानकारी देंगे अगर आपको किसी भी अन्य टॉपिक नोट्स या कोई भी स्टडी मे समस्या हो रही हो या Admission संबंधित जानकारी या कोई अन्य जानकारी चाहिये तो आप हमे Comment के माध्यम से जरुर बताएं या BE Educare एक्सपर्ट्स से  9569174559 पर Whats App करके 10 मिनट का फ्री सेशन बुक करें| अपनी तैयारी या Knowledge और बेहतर बनाने के लिए आप हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये |

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पेट में गैस की समस्या को पेट में वायु बनना या गैस बनना आदि भी बोला जाता है। इसे पेट या आँतों की गैस और पेट फूलना भी कहते हैं। आजकल अस्वस्थ आहार और सुस्त जीवनशैली के कारण पेट में गैस की समस्या होना आम बात हो गई है। आयुर्वेद के अनुसार, पेट के जितने भी रोग हैं वे सभी शरीर के त्रिदोष के कारण होते हैं। इसलिए वात, पित्त, कफ दोषों को शांत करके पेट के रोग जैसे गैस की समस्या को ठीक किया जा सकता है।

गैस की बीमारी स्वतंत्र रोग न होकर पाचनतंत्र से संबंधित खराबी के कारण होने वाली बीमारी है। कई बार गैस के कारण इतना तेज दर्द होने लगता है कि बीमारी गंभीर बन जाती है। इतना ही नहीं पेट में गैस होने पर अनेक तरह की बीमारियां होने की संभावना भी बन जाती है। इसलिए आइए जानते हैं कि पेट में गैस की समस्या क्यों होती है, गैस की समस्या से होने वाले रोग कौन-कौन से हैं और पेट में गैस होने पर घरेलू इलाज कैसे किया जाना चाहिए।

पेट में गैस का होना क्या है? (What is Gas?)

जब खाना खाते हैं तब पाचनक्रिया के दौरान हाइड्रोजन, कार्बनडाइऑक्साइड और मिथेन गैस निकलता है जो गैस या एसिडिटी होने का कारण बनता है। जठराग्नि की कमजोरी से मल, वात आदि रोग हो जाते हैं। इससे अन्य कई रोग होने लगते हैं। मल की अधिकता के कारण जठराग्नि कमजोर होने लगती है। जब पाचन सही प्रकार से नहीं होता है तो पेट में बनने वाली अपान वायु तथा प्राण वायु बहार नहीं निकल पाती है। गैस से होने वाले रोग से बचने के लिए आपको आयुर्वेदिक उपाय करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, वात, पित्त, कफ को शांत करके पेट में गैस की समस्या को ठीक किया जा सकता है। तीनों दोषों को शांत करने के लिए जौ, मूँग, दूध, आसव, मधु, इत्यादि का सेवन करना चाहिए।

पेट में गैस बनने के लक्षण (Symptoms of Gas in Hindi)

पेट में गैस बनने पर पेट में दर्द होने लगता है, लेकिन इसके अलावा और भी लक्षण है जो एसिडिटी होने पर नजर आते हैं-

  • सुबह जब मल का वेग आता है तो वो साफ नहीं होता है और पेट फूला हुआ प्रतीत होता है।
  • पेट में ऐंठन और हल्के-हल्के दर्द का आभास होना।
  • चुभन के साथ दर्द होना तथा कभी-कभी उल्टी होना।
  • सिर में दर्द रहना भी इसका एक मुख्य लक्षण हैं।
  • पूरे दिन आलस जैसा महसूस होता है।

पेट में गैस बनने के कारण (Causes of Gas in Hindi)

आयुर्वेद में वात, पित्त एवं कफ इन तीन दोषों के असंतुलन से ही सारे रोग होते हैं, तथा इनके सामान्य अवस्था में रहने से व्यक्ति रोगरहित रहता है। उदररोगों में उदरवायु सबसे आम समस्याओं में से एक देखी जाती है, यह वात के कारण होने वाला रोग है। अनुचित आहार-विहार के कारण वात प्रकुपित होकर अनेक रोगों को जन्म देता है तथा पेट में गैस की समस्या से व्यक्ति को जूझना पड़ता है। आयुर्वेद में वायु के पाँच प्रकार बताए गए हैं- प्राण, उदान, समान, व्यान एवं अपान वायु। उदर वायु समान एवं अपान वायु की विकृति से उत्पन्न होती है। लेकिन इसके पीछे बहुत सारे आम कारण होते हैं जिनके वजह से गैस होती है, चलिये इनके बारे में पता लगाते हैं।

  • अत्यधिक भोजन करना
  • बैक्टीरिया का पेट में ज्यादा उत्पादन होना
  • भोजन करते समय बातें करना और भोजन को ठीक तरह से चबाकर न खाना।
  • पेट में अम्ल का निर्माण होना।
  • किसी-किसी दूध के सेवन से भी गैस की समस्या हो सकती है।
  • अधिक शराब पीना
  • मानसिक चिंता या स्ट्रेस
  • एसिडिटी, बदहजमी, विषाक्त खाना खाने से, कब्ज और कुछ विशेष दवाओं के सेवन
  • मिठास और सॉरबिटोल युक्त पदार्थों के अधिक सेवन से गैस बनता है।
  • सुबह नाश्ता न करना या लम्बे समय तक खाली पेट रहना।
  • जंक फूड या तली-भुनी चीजें खाना।
  • बासी भोजन करना।
  • अपनी दिनचर्या में योग और व्यायाम को शामिल न करना।
  • बीन्स, राजमा, छोले, लोबिया, मोठ, उड़द की दाल का अधिक सेवन करना।
  • कुछ खाद्य पदार्थों से कुछ लोगों को गैस बन जाता है जबकि कुछ लोगों को उससे कोई गैस नहीं बनता है जैसे; सेम,
  • गोभी, प्याज, नाशपाती, सेब, आडू, दूध और दूध उत्पादों से अधिकांश लोगों को गैस बनती है।
  • खाद्य पदार्थ जिनमें वसा या प्रोटीन के बजाय कार्बोहाइड्रेट का प्रतिशत ज्यादा होता है, के खाने से ज्यादा गैस बनती है।
  • भोजन में खाद्य समूह में कटौती की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि आप अपने आप को आवश्यक पोषक तत्वों से वंचितभी नहीं रख सकते हैं, अक्सर, जैसे ही एक व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, कुछ एंजाइमों का उत्पादन कम होने लगता है और कुछ खाद्य पदार्थों से अधिक गैस भी बनने लगती है।
  • यहां तक कि स्तनपान करने वाले शिशुओं में उदरवायु यानि पेट में दर्द होने की समस्या अक्सर देखी जाती है।
  • उचित प्रकार से स्तनपान न कराने या माता द्वारा वात बढ़ाने वाले आहार लेने से ऐसी समस्या हो जाती है।
  • वहीं भोजन ग्रहण करने वाले बच्चों में वातवर्धक आहार, फास्ट फूड, जंक फूड इन सब के सेवन से उदरवायु की समस्या देखी जाती है.

पेट में गैस बनने से रोकने के उपाय (Prevention for Gas Problem in Hindi)

अगर खाना खाने के बाद एसिडिटी हो रहा है या हमेशा किसी न किसी कारण गैस का प्रॉबल्म हो रहा है तो इसको रोकने के लिए अपने आहार योजना और जीवन शैली में बदलाव लाना चाहिए।

सबसे पहले आहार योजना के बारे में जानते हैं-

  • क्योंकि पेट में गैस वात दोष के कारण होने वाली समस्या है अत वातशामक आहार एवं उचित जीवनशैली के द्वारा गैस की समस्या से राहत (pet me gas ke upay) मिलती है।
  • अपने आहार में बदलाव करें- सेम, गोभी, प्याज जैसे खाद्य पदार्थ की मात्रा का ध्यान रखें, हालांकि, इससे पहले कि आप इन चीजों को खाना छोड़ दे एक या दो सप्ताह इन्हें खाकर यह पता लगा लें कि आपकों किस चीज से नुकसान पहुँचता है, अपने आहार का ट्रैक रखें।
  • मिठास या सॉरबिटोल युक्त उत्पादों से बचें, जो चीनी मुक्त मिठाई और कुछ दवाओं में प्रयोग किया जाता है।
  • चाय और रेड वाइन भी अधोवायु को रोकने में मदद करता है।

अब आता है जीवनशैली में किस तरह के बदलाव लाने से गैस से राहत मिल सकती है,जैसे-

  • सुबह उठकर प्राणायाम एवं योगासन करें।
  • भोजन को चबा-चबा कर खाएं, जल्दी-जल्दी भोजन न खाएं।
  • पवनमुक्तासन, वज्रासन तथा उष्ट्रासन करें।
  • वज्रासन, खाने के बाद करने से गैस होने से रोका जा सकता है। इसको करने के लिए घुटने मोड़कर बैठ जाएं। दोनों
  • हाथों को घुटनों पर रख लें। 5 से 15 मिनट तक करें। गैस पाचन शक्ति कमजोर होने से होती है। यदि पाचन शक्ति
  • बढ़ा दें तो गैस नहीं बनेगी। योग की अग्निसार क्रिया से आंतों की ताकत बढ़कर पाचन सुधरेगा।
  • वज्रासन करने से पेट में गैस नहीं बनती। योग की अग्निसार क्रिया से आँतों की ताकत बढ़कर पाचन में सुधार होता है।
  • सोडा और प्रीजरवेटिव युक्त जूस न पिएं।
  • पानी अधिक पिएं।
  • जंक फूड, बासी भोजन तथा दूषित पानी से जितना हो सके बचें।

पेट में गैस की समस्या दूर करने के आसान घरेलू उपाय (Home Remedies for Gas Problem in Hindi)

पेट की गैस से राहत प्राप्त करने के कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • हरी चाय: हरी चाय में मिश्रित अदरक और नमक के साथ लेने से पेट की गैस से राहत मिल सकती है।
  • अजवाइन और जीरा: अजवाइन और जीरा पानी में मिलाकर पीने से गैस की समस्या में लाभ हो सकता है।
  • हरा धनिया: हरे धनिये को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से भी गैस की समस्या में आराम मिल सकता है।
  • अदरक: अदरक का रस निकालकर नमक के साथ पीने से भी पेट की गैस से राहत मिल सकती है।
  • नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करना भी पेट की गैस समस्या को कम कर सकता है।
  • अल्सी बीज: अल्सी के बीजों को रात भर पानी में भिगोकर सुबह खाने से भी गैस से राहत मिल सकती है।

कृपया ध्यान दें कि यदि ये समस्या लंबे समय तक बनी रहती है या बहुत ज्यादा हो, तो डॉक्टर सलाह लेना सही होगा।

Gas and bloating: पेट गैस से छुटकारा दिलाने में रामबाण से कम नहीं ये घरेलू उपाय, 5 मिनट में दे आराम

  • गैस बनने पर केले का सेवन करें …
  • ​छाछ का सेवन …
  • सेब का सिरका …
  • खाने में करें लौंग का उपयोग …
  • भुने हुए जीरे को पानी में डालकर पी जाएं …
  • दालचीनी की चाय से दूर करें पेट गैस …
  • गरम पानी के साथ करें तुलसी के पत्तों का सेवन

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