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डेंगू वायरस एक मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है जो एडीसी मस्तीस मच्छर (Aedes aegypti) और एडीसी एल्बोपिक्टस मच्छर (Aedes albopictus) के ज़रिए होती है। डेंगू वायरस एक फ्लैवीवायरस परिवार से संबंधित होता है। यह एक संक्रामक रोग है, जिसमें मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और खांसी होती है। यह बीमारी ज्यादातर गर्मियों और मानसून के मौसम में पाई जाती है।

डेंगू के लक्षण

  1. तेज बुखार: डेंगू के मुख्य लक्षण में एक तेज बुखार होता है, जो अचानक आने वाला होता है और 2-7 दिन तक चलता है।
  2. सिरदर्द: मांसपेशियों में दर्द के साथ सिरदर्द भी हो सकता है।
  3. शरीर में दर्द: डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को पूरे शरीर में दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव होता है।
  4. खांसी: सूखी खांसी डेंगू का एक और आम लक्षण होता है।
  5. बदलते आंखों का रंग: डेंगू से प्रभावित व्यक्ति के आंखों का पुतला सफेद और चमकदार दिखाई देता है, जिसे “पिंक आंखें” भी कहते हैं।
  6. त्वचा में लाल दाने: डेंगू के कुछ मामूले मरीजों की त्वचा पर लाल दाने नजर आ सकते हैं।

डेंगू के प्रभाव

डेंगू एक गंभीर बीमारी हो सकती है, जिसमें कुछ मामूले मामलों में हल्की से लेकर गंभीर तक की स्थितियाँ हो सकती हैं। यह प्रभाव मुख्य रूप से व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है और व्यक्ति के सामाजिक, आर्थिक और आयुसंबंधी परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है। निम्नलिखित गंभीर प्रभाव हो सकते हैं:

  1. डेंगू हेमोरेजिक फीवर: यह गंभीर रूप से लक्षण दिखाने वाला प्रभाव है जिसमें रक्तदाब कम हो जाता है और खूनी उल्टी भी हो सकती है।
  2. डेंगू शोक सिंड्रोम: डेंगू शोक सिंड्रोम एक गंभीर स्थिति है जिसमें विकासहीन रक्तदाब के कारण शरीर के अंदर रक्तनलिका हो सकती है। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।

डेंगू के इलाज 

  1. विश्राम और पूरी आराम: डेंगू के समय शरीर का बहुत अधिक आराम करना जरूरी होता है ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके। विशेष रूप से विश्राम करने, पानी पीने और खाने के समय का ध्यान रखना चाहिए।
  2. पर्याप्त पानी पीना: रोगी को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि शरीर के ऊपर होने वाले प्रभाव को कम किया जा सके।
  3. पारंपरिक घरेलू उपचार: रोगी को तेज बुखार के लिए पारंपरिक घरेलू उपचार जैसे कि तुलसी के पत्ते का रस, गिलोय का रस, शहद आदि का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन यह सिर्फ बुखार को नियंत्रित करने के लिए है और यह अस्पष्ट लक्षण होने पर भी चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
  4. संशोधित शरीर के विशेषाधिकारी की सलाह: डेंगू में विशेष रूप से ज्यादा गंभीर मामलों में या शरीर के विशेष अंगों जैसे लिवर या अंडकोष को प्रभावित करने पर, चिकित्सक द्वारा संशोधित शरीर के विशेषाधिकारी की सलाह लेनी चाहिए।

डेंगू बुखार के साथ आंखों में लाल दाने या खूनी उल्टी होने पर, तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। असमय चिकित्सा सहायता न लेने पर यह गंभीर स्थिति हो सकती है और जानलेवा हो सकती है।

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