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आज की इस पोस्ट में हम आपको NMC के नए नियमों के तहत MBBS छात्रों के लिए बदले गए नियम, डिग्री नहीं मिलेगी इस परिस्थिति मेंकी पूरी जानकारी देंगे अगर आपको किसी भी अन्य टॉपिक नोट्स या कोई भी स्टडी मे समस्या हो रही हो या Admission संबंधित जानकारी या कोई अन्य जानकारी चाहिये तो आप हमे Comment के माध्यम से जरुर बताएं या BE Educare एक्सपर्ट्स से  9569174559 पर Whats App करके 10 मिनट का फ्री सेशन बुक करें| अपनी तैयारी या Knowledge और बेहतर बनाने के लिए आप हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये |

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के नए मानदंड: चिकित्सा शिक्षा में बदलाव की दिशा में कदम

नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने हाल ही में नए मानदंड जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों और छात्रों के लिए नए नियम तैयार करना है। इसके साथ ही, इस कमीशन की तरफ से स्थिति के हिसाब से स्टूडेंट्स के लिए गाइडलाइंस भी समय-समय पर जारी की जाती है। नवीनतम गाइडलाइन में एक और महत्वपूर्ण परिवर्तन शामिल है।

नये मानदंडों के अनुसार, एमबीबीएस (MBBS) के छात्रों को प्रथम वर्ष की परीक्षा को 4 साल में पूरा करना होगा और पूरी एमबीबीएस की पढ़ाई को 10 वर्षों में पूरा करना होगा। यदि कोई छात्र 4 साल के भीतर प्रथम वर्ष और 10 साल की अंतिम परीक्षा में सफलता नहीं प्राप्त कर पाता है, तो उसे कॉलेज से बाहर कर दिया जाएगा। इस परिस्थिति में, उनका चिकित्सा क्षेत्र में करियर खतरे में पड़ सकता है।

नए नियमों के तहत, छात्रों की पहचान के लिए बायोमेट्रिक आइडेंटिफिकेशन भी अनिवार्य होगी, जो उनकी गुणवत्ता और पहचान में और भी वृद्धि करेगा।

नेशनल मेडिकल कमीशन ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन मीटिंग आयोजित की, जिसमें वे सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को शामिल किया। इस मीटिंग के दौरान, मेडिकल शिक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए लिए गए, साथ ही छात्रों की बायोमेट्री को भी अनिवार्य बनाया गया।

नए मानदंडों के अनुसार, नए मेडिकल कॉलेज 2024-25 शैक्षिक सत्र से 150 से अधिक एमबीबीएस सीटों की पेशेवरता की पेशकश नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही, एनएमसी ने नए कॉलेजों के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रत्येक 10 लाख आबादी के लिए 100 एमबीबीएस सीटों के अनुपात की पालना करने की अनिवार्यता को लागू किया है।

नेशनल मेडिकल कमीशन ने इस संबंध में यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2024 के बाद चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए नए मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत के लिए अनुमति पत्र (एलओपी) केवल वार्षिक प्रवेश क्षमता के आधार पर जारी किए जाएंगे। ऐसे कॉलेजों को कम से कम 21 विभागों की आवश्यकता होगी और उन्हें शिक्षण अस्पतालों में कक्षाओं और रोगी देखभाल को एनएमसी के नियंत्रण कक्ष में लाइव-स्ट्रीम करना होगा।**

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