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इस पोस्ट में हम आपको पेट में गैस बनने का क्या कारण है: इसकी पूरी जानकारी देंगे  अगर आपको किसी भी टॉपिक नोट्स  या कोई भी सीलेबस  या कोई भी न्यूज की जानकारी या  पीडीऍफ़ चाहिये तो आप हमे Comment माध्यम से जरुर बताएं   हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये |

पेट में गैस बनने का क्या कारण है

पेट-फूलने या गैस उत्पन्न करने वाले कुछ खाद्य पदार्थों में सेम, मटर, मसूर, गोभी, प्याज, ब्रॉक्ली, फूलगोभी, आलूबुखारा और मशरूम शामिल हैं।[४] बहुत ज्यादा अघुलनशील फाइबर (ज्यादातर सब्जियों और फलों के छिलकों में पाया जाता है), फ्रक्टोज शुगर (सभी फलों, खासकर बेर में पाए जाता है) और ग्लूटेन (ज्यादातर अनाज जैसे गेंहू, ज्वार, और राई में पाया जाता है) का अत्यधिक सेवन भी पेट फूलने और दस्त का कारण बन सकता है। यदि आप कच्ची सब्जिया और फल खाना पसंद करते हैं तो उनके छोटे छोटे टुकड़े खाएं, धीरे-धीरे चबाएं और पाचन के लिए अधिक समय दें।
  • सेलियक रोग से पीड़ित लोग विशेष रूप से ग्लूटन के प्रति संवेशनशील होते हैं। जिससे उनकी आंत में परेशानी व पेट दर्द और सूजन बढ़ जाती है।
  • लोगों में सूजन के प्रति संवेदनशील होने का यह कारण हैं कि अन्य पेट के रोग, जिनमे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस/IBS), अल्स्रेटिव क्लोटिस (Ulcerative clotis) और क्रोहन (crohan’s) शामिल हैं।
  • पेय पदार्थ जिनसे सूजन बढ़ जाती है, जैसे कॉफी, फ्रक्टोज़-युक्त पेय पदार्थ, बीयर और कृत्रिम शर्करा (एस्पर्टम या सोर्बिटोल/aspartame or sorbitol) के साथ कार्बन डाय ऑक्साइड युक्त सोडा है।

ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जो सूजन और गैस दर्द में वृद्धि न करें: इनमे शामिल हैं अदरक, कच्चा शहद, पुदीना, कैमोमाइल, दालचीनी, ककड़ी, केले, अनानास, सौंफ़ और फलों के बीज, प्रोबियोटिक दही, और काले (kale)।
गैस छोड़ने से घबराएँ नहीं: शायद यह गैस से होने वाले पेट दर्द से छुटकारा पाने का सबसे आसान तरीका (फ्लेटूलेटिंग या फार्टिंग/flatulating or farting) है। अधिकांश लोग और संस्कृतियां खुले में गैस छोड़ने को बुरी बात मानते हैं, इसलिए समझदारी यही है कि बाथरूम में जाकर गैस छोड़ें। गैस निकलने को सुविधाजनक बनाने के लिए, आराम से टहलें या हल्के से पेट की मसाज बाहर की ओर करें, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी आंत से गैस बाहर निकलने में मदद मिल सकती है।

  • नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और सल्फर तत्वों के मिलने से, बड़ी आंत में बैक्टीरिया के किण्वन के कारण गैस पैदा होती है—जिससे बदबू पैदा होती है।[२]
  • उम्र बढ्ने के साथ अक्सर पेट फूल जाना, पाचन एंजाइम्स में कमी होना सामान्य सी बात है।
डकार के द्वारा दर्द कम करने का प्रयास करें: गैस पास करने के अन्य विपरीत तरीके पादना और डकारना है. हालाँकि डकार लेने से निचले पेट की गैस पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन यह पेट और उपरी आंत की फालतू गैस से मुक्ति देता है। तरल पदार्थ तेजी से पीने से या जल्दी खाना खाने से, स्ट्रॉ से पेय पदार्थ पीने से, च्युइंग गम और धूम्रपान से गैस बन सकती हैं। डकार के द्वारा जमा गैस को सरलता से, जल्दी से और बिना दर्द के बाहर निकला जा सकता है।[३] अधिक मात्र में कार्बन डाय ऑक्साइड युक्त पेय पीने से पेट फूल सकता है, लेकिन कुछ घूँट पीना डकार लाने में और गैस स्व मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।

  • प्राकृतिक उपचार के तौर पर कभी कभी अदरक, पपीता, नीम्बू पानी और पिपरमेंट का प्रयोग डकार लेने में सहायक होता है।
  • कुछ लोगो और संस्कृतियो में (परन्तु सभी नहीं) सार्वजानिक रूप से जोर से डकार लेने को पादने के सामान बुरी आदत माना जाता है, अतः ऐसा ध्यान से करें।
यदि आप लेक्टोज़ के प्रति संवेदनशील है, तो डेयरी पदार्थो से बचें: लेक्टोज़ के प्रति संवेदनशील होने से पर्याप्त लेक्टोज़ एंजाइम नहीं बनता, जिसे पूरी तरह से पचने की आवश्यकता है और जो मिल्क शुगर लेक्टोज़ को तोड़ता है। बगैर पचा लेक्टोज़ बड़ी आंत में समाप्त होता है और मैत्रीक बैक्टीरिया के किण्वन में सहायता प्रदान करता है और भोजन की तरह उपयोग होता है—जिससे प्रतिफल के रूप में गैस उत्पन्न होती है। लेक्टोज़ के प्रति संवेदनशीलता के लक्षणों में पेट फूलना, सूजन, पेट में ऐंठन और दस्त शामिल हैं।[५]यदि आपको लेक्टोज़ के प्रति संवेदनशील की समस्या महसूस होती है तो, डेयरी पदार्थों को कम कर दें या छोड़ दें, वैसे, इनमें विशेष रूप से गाय का दूध, पनीर, व्हिपिंग क्रीम (whipping cream), आइसक्रीम और मिल्कशेक शामिल हैं।

  • लेक्टोज़ बनाने की क्षमता, बचपन के बाद तेजी से घटती चली जाती हैं, जिसका मतलब है कि उम्र बढने के साथ, लेक्टोज़ के प्रति संवेदनशील होने का खतरा बढ़ जाता है।[६]
  • यदि आप लेक्टोज़ एंजाइम से होने वाले पेट दर्द और गैस की परवाह किए बगैर, डेयरी प्रोडक्टस का इस्तेमाल जारी रखते हैं, तो किसी हैल्थ फूड स्टोर या फार्मेसी से कुछ लेक्टोज़ एंजाइम केप्सूल खरीद लें। डेयरी पदार्थ खाने से पूर्व कुछ एंजाइम केप्सुल्स लें।
एक या दो चम्मच बेकिंग सोडा थोड़े से पानी में मिला दें: गैस का दर्द पेट में एसिड बनने के कारण होता है। बेकिंग सोडा एक आधार है, जो गैस दर्द को शांत करने के लिए एसिड के खिलाफ काम करेगा।
अपने डॉक्टर से सलाह लें: लेक्टोज़ के प्रति संवेदनशील होने के कारण गैसीय पदार्थ बनाने वाले भोजन से बचें। सूजन और पेट दर्द होने के बहुत से चिकित्सीय कारण हैं। यदि आपको लगातार पेट दर्द है, अपने पारिवारिक चिकित्सक से मिले और कोई भी गंभीरता देखने के लिए शारीरिक जांच करवाएँ। चिकित्सीय परिस्थिति, जिनमे आमतौर पर सूजन और पेट दर्द के साथ साथ पेट का संक्रमण (वायरल, बेक्टीरियल और परजीवी), पेट के अल्सर, आंतो में रुकावट, परेशान करने वाला आंत्र सिंड्रोम (irritable bowl syndrome), अलसरेटिव कोलाइटिस (ulcerative colitis), सिलियक रोग, खाद्य एलर्जी, पेट का कैंसर, पित्ताशय के रोग और एसिड रेफ्लक्स (acid reflex) शामिल होते हैं।[७]

  • यदि गैस का दर्द भोजन के संक्रमण के कारण होता है तो डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दे सकता है, फिर भी, एंटीबायोटिक दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से पेट के दोस्ताना बैक्टीरिया समाप्त हो सकते हैं और जिससे जीआई (GI) लक्षणों को बढ़ावा मिल सकता है।[८]
  • कुछ दवाएँ प्रायः सूजन और पेट फूलने को बढ़ावा दे सकती हैं, जैसे नॉन- स्टेरायडल (non-steroidal), एंटी-इंफलामेटरी (anti-inflammatory) दवाएँ जैसे आइबूप्रोफेन (ibuprofen), नेप्रोसेन (neproxen), एंटी फंगल (anti-fungal) दवाएँ और स्टेटिन्स (statins) जो कि उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए होती है, इसलिए दवायेँ लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।[९]
  • आपका डॉक्टर, मल का एक नमूना जांच सकता है या सेलियक (celiac) रोग के लिए खून की जांच या लेक्टोज़ के प्रति संवेदनशील के लिए साँस का परीक्षण कर सकता है। कुछ मामलों में एक्स-रे या कोलोनोस्कोपी (colonoscopy) की आवश्यकता भी हो सकती है।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड (hydrocloric acid) लेने के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें: सामान्य भोजन पाचन, विशेषरूप से प्रोटीन से भरपूर पदार्थों से पेट में एसिड बनता है, जिसमे कोंसेंट्रटेड हाइड्रोक्लोरिक (एचसीआई) होता है।[१०] पेट के एसिड उत्पादन में कमी (उम्र बढ्ने की सामान्य स्थिति) से प्रोटीन के अपर्याप्त पाचन में बढ़ोतरी, जिससे आंत में सूजन और गैस बन सकती है। जैसे पेट में एसिड के उत्पादन के परीक्षण के बारें अपने डॉक्टर से पूछे, और यदि आप सामान्य रूप से नहीं बना कर पा रहें हैं तो एचसीआई (hydrocloric) सप्लिमेंट लेने के बारे में विचार कर सकते हैं।

  • प्रोटीन पाचन में मदद करने के लिए, रोटी या सलाद से शुरूआत करने के बजाय माँस, अंडा या मछ्ली से भोजन की शुरुआत करे, जैसे ही आप खाने की शुरूआत करते हैं तो पेट हयड्रोक्लोरिक (hydrocloric) एसिड को समाप्त करने मे लग जाता है, लेकिन कार्बोहाइड्रेट के पचने में (प्रोटीन की तुलना में) इसकी बहुत कम आवश्यकता होती है।
  • बेटेन हाइड्रोक्लोराइड (betaine hydrocloric) एचसीआई का एक लोकप्रिय पूरक रूप है, जिसे आप अधिकतर हैल्थ फूड स्टोर से खरीद सकते हैं। घ्यान रहे कि गोलियाँ भोजन के बाद लें, ना कि भोजन से पहले या खाने के दौरान।
अल्फा-गलक्टोसिडेस (alpha-galactosidase) एंजाइम लेने के बारे में विचार करें: जैसे कि ऊपर दर्शाया गया है कि एक प्रमुख कारण हैं कि कुछ खाद्य पदार्थों के कारण आंत में गैस बनती है, क्योंकि मानव शरीर (जैसे कि अघुलनशील फाइबर और शर्करा जिसे ओलिगोसाकारिडेस कहा जाता है) जैसे कुछ जटिल शर्करा को शरीर आसानी से पचा नहीं सकता हैं। अल्फा-गलक्टोसिडेस (alpha-galactosidase) के साथ काउंटर उत्पाद लेने से (बीनो, संतक्ज्यम, बीन- जाइम/ beano, sunqzyme, bean-zyme) से इस समस्या में मदद मिल सकती है, क्योंकि एंजाइम आपकी आंतों तक पहुँचने से पहले जटिल शर्करा को तोड़ देते है और किण्वन शुरू कर देते हैं।[११] गैस के गठन और पेट दर्द को रोकने में मदद करने के लिए, भोजन की शुरुआत करने से ठीक पहले, उच्च फाइबर से युक्त खाद्य पदार्थ (अधिकतर सब्जियाँ, फल और फलियाँ) अल्फा-गलक्टोसिडेस (alpha-galactosidase) की गोली लें।

  • शर्करा एंजाइम फूड ग्रेड मोल्ड से लिया जाता है, जो आस्पेर्गिलस नाइज़र (aspergillus niger) कहलाता है, जिससे मोल्ड्स और पेनिसिलिन (penicillin) के प्रति संवेदनशील लोगो में एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है।
  • अल्फा-गलक्टोसिडेस (alpha-galactosidase) से प्रभावी ढंग से ग्लूकोज में से गेलेक्टोज़ (gelectose) टूट जाता है, लेकिन मधुमेह की दवा के साथ इसे लेने में दिक्कत आ सकती है । अगर आप मधुमेह रोगी हैं और यह उत्पाद लेने की सोच रहे हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
प्रोबायोटिक्स (probiotics) लेने का सोचें: प्रोबायोटिक (probiotics) की खुराक में स्वस्थ बैक्टीरिया होते हैं, ये सामान्य रूप से हमारी बड़ी आंत में पाए जाते हैं । ये ‘मित्र’ बैक्टीरिया, बहुत ज्यादा शराब पीने, जुलाब लेने, एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक उपयोग करने से, भारी धातुओं को लेने से और कॉलोन्स्कोपिज (colonoscopies) द्वारा खत्म हो सकते है। स्वस्थ बैक्टीरिया का असंतुलन पेट के पाचन समस्याओं और जीआई (GI) फलस्वरूप होता है। यदि आपको लगता है कि अपनी आँतों में जीवाणु असंतुलन का खतरा हैं, तो आप गैस दर्द से राहत पाने के लिए प्रोबायोटिक (probiotic) की खुराक लेने पर विचार कर सकते हैं।[१२] प्रोबायोटिक्स (probiotics) सुरक्षित है और आमतौर पर स्वास्थ्य उत्पादों की दुकानों में आसानी से उपलब्ध होते हैं।

  • प्रोबायोटिक्स (probiotics)गोलियां, कैप्सूल या पाउडर के रूप में उपलब्ध हैं और आपके बड़ी आंत में प्रभावी अनिवार्य कालोनियों को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से लिया जाना चाहिए। जो भी पूरक का आप चयन करेंगे यह लेपित आंतों या माइक्रोएन्कापसुलेटेड (microencapsulated) होना चाहिए ताकि पेट के एसिड उसे पचा सके और आंतों के लिये मददगार साबित हो सके।[१३]
  • किण्वित खाद्य पदार्थ भी अच्छे जीवाणुओं का एक अच्छा स्रोत हैं, और प्राकृतिक दही, छाछ, दही, किण्वित सोया उत्पाद (नैटो, मिसों, सोया सॉस, टोफू), गोभी और यहाँ तक कि सामान्य बियर भी इसमें शामिल हैं।
कब्ज के लिए घुट्टी का इस्तेमाल करें: कब्ज पेट में हो रही गड़बड़ या मल के निकलने में आ रही मुश्किल हो सकती हैं, जो बहुत अधिक रेशेयुक्त खाने (या बिलकुल भी रेशे युक्त चीजे न खाने) या पर्याप्त मात्र में पानी ना पीने से हो सकती हैं।[१४] स्थायी कब्ज का मतलब है कई महीनो या हफ़्तों से एक हफ्ते में तीन बार से कम शौच जाना, लेकिन कब्ज के अधिकांश मामलों में ऐसा सिर्फ कुछ ही दिनों के लिए होता हैं। कब्ज से आंतों में दर्द और ऐंठ हो सकती हैं जो गैस के दर्द की तरह हो सकती हैं, लेकिन परेशानी के यह कारण अक्सर बहुत अलग होते है। कब्ज के लिए औषधीय उपचारों में घुट्टी का सेवन भी शामिल हैं, जो पेट की गतिविधियों को सुचारू करने में मदद करता हैं । घुट्टी आपके मल को एकत्रित करती हैं, फाइबर कॉन (FiberCon), मेटाम्युसिल (Metamucil), मल को नरम करती हैं, जिससे तरल पदार्थ को आपके मलाशय से गुजरने में मदद मिलती हैं या आपके मलाशय को (खनिज तेल या मछली के तेल की मदद से) चिकना करती हैं।[१५]

  • कम भोजन करने वाले बुजुर्ग लोगों को सामान्य रूप से रेशे युक्त चीजे न खाने के कारण आमतौर पर कब्ज की शिकायत रहती हैं, इसीलिए उन्हें आलूबुखारा खाने या उसका रस पीने की हिदायत दी जाती है|
  • बच्चों और युवाओं में कब्ज अधिकतर एक बार में बहुत अधिक फाइबर खाने की वजह से होता हैं जैसे गाजरों और सेबों का सेवन इत्यादि।
  • यदि कब्ज बहुत अधिक रेशेयुक्त पदार्थ के सेवन से हुई हैं, तो गैस बनना या सूजन आना भी संभव हैं | इस स्थिति में गैस के दर्द से छुटकारा पाने के लिए, ऊपर दिए गए सुझाव काम करेंगे।

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