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दमा होने के कारण, लक्षण और इलाज

दमा (अस्थमा) कई प्रकार के कारणों से हो सकता है, और यह व्यक्ति के आनुवांशिक प्रवृत्तियों, पर्यावरणिक उपायों, और जीवनशैली के कारण विकसित हो सकता है। निम्नलिखित कुछ मुख्य कारण दमा के होने के हैं:

  1. आनुवांशिक: आपके परिवार में किसी सदस्य में अस्थमा का इतिहास होना आपकी आनुवांशिक प्रवृत्तियों को प्रभावित कर सकता है और आपके अस्थमा के खतरे को बढ़ा सकता है।
  2. प्रदूषण: वायु प्रदूषण, उदाहरण स्वरूप धुएं, धूल, कीटाणु, वायुमंडलीय प्रदूषण, और यातायात के वाहनों के इमिशन आदि, आसपास के प्रदूषण स्तर के कारण अस्थमा को बढ़ावा दे सकते हैं।
  3. खाद्य पदार्थों की एलर्जी: कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कि दूध, मक्खन, मक्खी की मदद से भी अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं।
  4. योगदानकारी आपदाएं: योगदानकारी आपदाएं जैसे कि सामान्य सर्दी-जुकाम, फेफड़ों की संक्रमण, और श्वासनली के अन्य संक्रमण भी अस्थमा के लक्षण बढ़ा सकती हैं।
  5. रोगों का इलाज: कुछ रोगों के इलाज के दौरान इस्तेमाल होने वाली दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी अस्थमा के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
  6. व्यायाम की कमी: अपर्याप्त व्यायाम करने से फेफड़ों की क्षमता कम हो सकती है और अस्थमा के खतरे को बढ़ा सकता है।
  7. योगदानकारी धुम्रपान और शराब: धूम्रपान और शराब की आदतों का होना अस्थमा के विकास को बढ़ावा देता है।
  8. खासी या बलगम: अस्थमा मरीजों को खासी या बलगम के कारण श्वासनली के मुख्य पथ में सुजान और तनाव हो सकता है, जिससे वे सांस लेने में कठिनाई महसूस करते हैं।

 लक्षण 

  1. श्वास लेते समय दुखना: श्वास लेते समय छाती में दर्द या दुखना हो सकता है।
  2. सांस लेने में कठिनाई: सांस लेने में कठिनाई या फैलाव की भावना हो सकती है।
  3. फुलाव या गर्जन: सांस लेने में श्वासनली में फुलाव या गर्जन हो सकती है।
  4. रात के समय आवाज़: रात के समय या सुबह उठते समय श्वासनली की सुनाई देने वाली आवाज़ हो सकती है।
  5. सांसनली में सूजन या तनाव: श्वासनली में सूजन या तनाव की भावना हो सकती है।
  6. खांसी या बलगम: अस्थमा मरीजों को खांसी या बलगम के कारण श्वासनली में सूजन और तनाव हो सकता है, जिससे वे सांस लेने में कठिनाई महसूस करते हैं।
  7. श्वास लेने में बार-बार तकलीफ: दमे के मरीजों को श्वास लेने में बार-बार तकलीफ हो सकती है और उन्हें अपनी सांसों को सामान्य रूप से लेने में मुश्किल हो सकती है।

 इलाज 

  1. दवाएँ: दवाइयों का सेवन दमे के इलाज का मुख्य हिस्सा होता है। डॉक्टर आपके लक्षणों, आगे बढ़ने की संभावनाओं और आपके स्वास्थ्य के आधार पर उपयुक्त दवाएँ प्रस्तुत करेंगे। इन्हेलर (अस्थमा निवारक) और नेबुलाइजर (आब्रक) आमतौर पर प्रयुक्त दवाओं में शामिल होते हैं।
  2. अस्थमा योजना: डॉक्टर आपको एक व्यक्तिगत अस्थमा योजना (Asthma Action Plan) प्रदान करेंगे, जिसमें आपके लक्षणों के अनुसार क्या करना चाहिए, कैसे दवाएँ लेनी चाहिए और कैसे आपको स्वास्थ्य पर नजर रखना चाहिए, आदि की जानकारी होती है।
  3. प्राणायाम और व्यायाम: नियमित व्यायाम करना और प्राणायाम करना दमे के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। योग और प्राणायाम तकनीकों को सीखने के लिए एक प्रशिक्षित योगाचार्य की मादद ली जा सकती है।
  4. खानपान: स्वस्थ और पौष्टिक खानपान रखना अस्थमा के इलाज में महत्वपूर्ण है। आपके खाने में खासकर विटामिन C, विटामिन E, बीटा कैरोटीन, सेलेनियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए।
  5. प्रदूषण से बचाव: प्रदूषण से बचने के लिए आपको प्रदूषण की स्तर कम करने के उपायों को अपनाना चाहिए, जैसे कि खुले जगहों में बाहर जाने से बचना, एयर प्यूरिफायर का उपयोग करना, और प्रदूषण के स्रोतों से दूर रहना।
  6. डॉक्टर की सलाह का पालन: आपके डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सभी सलाहों का पालन करना महत्वपूर्ण है।
  7. अल्टर्नेटिव थेरेपी: कुछ अल्टर्नेटिव थेरेपी के विकल्प भी उपलब्ध हो सकते हैं, जैसे कि होमियोपैथी, आयुर्वेद, नैचुरोपैथी, और योग आदि।

यदि आपको दमा है, तो सबसे महत्वपूर्ण है कि आप एक प्रमाणित डॉक्टर से सलाह लें और उनके द्वारा सुझाए

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